जिंदगी को अभी जिया ही नहीं

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जिन्दगी को अभी,जिया ही नही। दर्द क्या है मुझे कुछ,पता ही नही। मैं बहुत मासूम सा,बच्चा हूँ अभी, घर से बाहर कभी,निकला ही नही।           "प्रभात गौर" ...

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